Benefits of Solar Energy: Why Switching to Solar Makes Sense
Benefits of Solar Energy: Why Switching to Solar Makes Sense
प्रकृति ने हमारे जीवन को सरल बनाने के लिए हमें असंख्य सौगात दी हैं । जीवन के हर क्षेत्र मे हमे प्रकृति की उपयोगिता स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है, चाहे वह जीवन यापन का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो, उर्जा का क्षेत्र हो या कोई अन्य क्षेत्र हो।
यहां पर हम केवल उर्जा क्षेत्र की ही चर्चा करेंगे। उर्जा अर्थात बिजली कर्इ प्रकार के स्त्रोतें के प्रयोग से उत्पन्न की जाती है जैसे|
• पानी से – हाइड्रो इलैकट्कि पावर
• कोयले से – थर्मल पावर
• परमाणु उर्जा से – परमाणु उर्जा
• डीजल से
• सूर्य से – सौर उर्जा
उपरोक्त मे से कौन सी विद्युत सबसे स्वच्छ (पर्यावरण मित्रवत्), कीमत तथा अन्य उपयोगिताओं की दृश्टि से सर्वश्रेश्ठ है ?
हाइड्रो इलैकट्कि पावर, थर्मल पावर , परमाणु उर्जा ही आजकल हमारी अधिकतम आवश्यकताओं को पूर्ण करते हैं। पर क्या केवल उपरोक्त विद्युत से ही हमारी सम्पूर्ण आवश्यक्ताएं पूर्ण हो जाती हैं, क्या हमे केवल इन ही उर्जा स्त्रोतों पर आश्रित रहना चाहिए या अन्य विकल्पों पर भी विचार करने की आवश्यक्ता है ? क्या इन उर्जा स्त्रोतों मे कुछ खामियां हैं जिनकी हमे बहुत बडी कीमत चुकानी पड रही है ?
आइए एक एक करके इन पर कुछ विचार करते हैं –
हाइड्रो इलैकट्कि पावर
– इस प्रकार के विद्युत उत्पादन के साधन बहुत सीमित हैं। केवल पानी के स्त्रोतों पर ही डेम बनाकर इस विधि से उर्जा प्राप्त की जा सकती है।
विद्युत उत्पादन इसके उपभोकताओं से बहुत दूर होने के कारण पहले विद्युत का उत्पादन फिर भंडारण फिर सुदूर स्थित उपभोक्ता के पास पहुॅचाना होगा।
भंडारण क्षेत्र से उपभोक्ता तक विद्युत पहुंचाने के लिए एक बहुत बडा नैट वर्क बनाना होता है, जिसके लिए बहुत अधिक भूमि क्षेत्र की आवश्यक्ता होती है वह भूमि उपजाउ भी हो सकती है या अन्य प्रकार से बहुत उपयोगी हो सकती है। जगह जगह पावर हाउस बनाने पडते हैं तथा तारों का एक जाल बन जाता है ।
एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिजली पहुंचाने मे खर्च भी बहुत आता है जो केवल उपभोक्ता को ही वहन करना पडता है।
थर्मल पावर
– इस प्रकार की तकनीक मे भी हाइड्रो इलैकट्कि पावर की सभी परेशानियों के साथ साथ पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान होता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए इतना हानी कारक है कि हमे सॉस, फेफडों यहां तक कि हृदय सम्बंधी अनेक बीमारियों का सामना करना पडता है और हम इन सबसे अनजान अपनी तथा आने वाली पीढी अर्थात भारत के भविय के साथ लगातार खिलवाड करते जा रहे हैं, अपने बच्चों के साथ घोर अन्याय कर रहे हैं तथा उन्हे घातक बीमारियों की ओर ढकेल रहे हैं। हमे यह भी विचार करना होगा कि क्या हम प्राकृतिक सम्पदा का उपयोग कर रहे हैं या दुरूपयोग।
डीजल तथा अन्य सत्रोतों द्वारा बिजली उत्पादन मे होने वाली परेशानियों से हम भलीभांति परिचित हैं।
सौर उर्जा
– उपरोक्त तथ्यों को ध्यान मे रखते हुए हमे विद्युत के अन्य विकल्पों पर विचार करने को बाध्य होना पडेगा। आदि काल से हम प्रकृति जनित उर्जा के विषय मे पढते तथा सुनते आये हैं, जिसका मुख्य स्त्रोत सूर्य है। बिना सूर्य के हम प्राकृतिक उर्जा की कल्पना भी नही कर सकते हैं। सूर्य के द्वारा उत्पादित उर्जा अर्थात ‘सौर उर्जा’।
| क्रमांक | अन्य उर्जा | सौर उर्जा |
| 1. | एक निश्चित स्थान पर ही उत्पादन होता है जो उपभोक्ता से बहुत अधिक दूरी पर स्थित होता है। | उपभोक्ता के प्रयोग करने के स्थान पर ही उत्पादन होता है। |
| 2. | दूरी तय करने मे उर्जा का बहुत बडा भाग लगभग 30 से 35 प्रति शत ह्रास हो जाता है | उपभोक्ता के पास होने के कारण लाइन लास नही होता है। |
| 3. | नैट वर्क बनाने मे बहुत अधिक भूमि का प्रयोग लगाये जा करना पडता है। | मकान या प्रतिष्ठान की छत पर सकते हैं जिसके कारण अतिरिक्त भूमि की आवश्यक्ता नही होती है। |
| 4. | उत्पादित बिजली का मूल्य, सप्लार्इ एवं अन्य सभी नियन्त्रण विद्युत वितरण कम्पनियों के हाथ मे होता है जिसके कारण उपभोक्ता उन पर आश्रित रहते है तथा उनकी मनमानी का शिकार होना पडता है। | उत्पादन इत्यादि सभी नियन्त्रण उपभेक्ता के अपने हाथ मे होता है। |
| 5. | बिजली का उत्पादन प्रारम्भ करने मे कम से कम 4-5 वर्ष का समय लग जाता है। | बहुत ही कम समय मे उत्पादन प्रारम्भ हो जाता है। |
| 6. | पर्यावरण को भारी नुक्सान होता है। जिसकी परिणिति हमें तथा हमारे परिवार, बच्चों इत्यादि को अनेक प्रकार की घातक बीमारियों के रूप मे होती है। | पर्यावरण संतुलन को कोर्इ नुकसान नही होता है। |
नये नये अनुसंधानो के फलस्वरूप अब सौर उर्जा के क्षेत्र मे असीमित प्रगति हुई है। सौर उर्जा पैनल लगाने के व्यय मे काफी कमी आयी है। लगभग 2 वर्ष पहले जो लागत दो से ढार्इ लाख रूपये प्रति किलोवाट थी वह अब घट कर 80 से 90 हजार रूपये प्रति किलोवाट रह गयी है। इस कारण अब सौर उर्जा को घरेलु, वाणिज्यिक तथा इंडिस्ट्यल उपयोग मे आसानी से लाया जा सकता है। उन्नत किस्म की बैटरी के उपयोग से सौर उर्जा प्रणाली से उत्पन्न विद्युत का अधिक मात्रा मे भंडारण सम्भव है।
हमारे सामने पर्यावरण नियन्त्रण एक गम्भीर समस्या बना हुआ है। वन क्षेत्र घटकर 12 प्रतिशत पर आ गये हैं जिसके कारण प्रदूषण स्तर लगातार बढता जा रहा है जिसका दुष्प्रभाव न केवल हमारे स्वास्थय पर पड रहा है बल्कि उससे वातावरण संतुलन भी बिगडता जा रहा है और हम प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होते जा रहे हैं। यदि हमे प्रदूषण को नियंत्रित करना है तो हमे वैकल्पिक उर्जा को अपनाना होगा तभी हम सवस्थ रह पायेंगे, और सुरक्षित रख पायंगे।
बाहरी देशों ने सौर उर्जा की आवश्यक्ता को महसूस किया, इसे विस्तृत रूप से अपनाया तथा इसके अनुसंधान को विशिष्ट श्रेणी मे रखा ताकि आने वाले समय मे इसके उपयोग को और अधिक उपयोगी तथा इकोनोमिकल बनाया जा सके।
आइये हम सब भी आज ये संकल्प लें कि हम भी सौर उर्जा को अपनायेंगे, अपनी भावी पीढी को स्वस्थ रखेंगे। स्वच्छ ईंधन को अपना कर वातावरण को स्वच्छ बनाने मे मदद करेंगे और अपने राष्ट् की उन्नति मे सहायक बनेंगे।
सोलर सिस्टम लगवांए और स्वयं विद्युत उत्पादक बनें।
Suggested Articles

Industrial Solar Power: 7 Reasons to Make the Switch
Top 7 benefits of solar energy for industries, including cost savings, environmental impact, and improved energy reliability.

India Raises Solar Purchase Obligation (SPO) to 8%: A Complete Guide
The Solar Purchase Obligation (SPO) in India is set to increase to 8%, pushing companies to adopt more solar energy. This guide explains the implications for businesses, compliance strategies, and how organizations can align with renewable energy targets.

Rajasthan Rooftop Solar Subsidy: What Homeowners Need to Know
Rajasthan homeowners can save big with the 2025 rooftop solar subsidy. Learn about the updated rates, eligibility criteria, and benefits to make your switch to solar more affordable.

How to Safely Install Solar Panels on Metal and Asbestos Rooftops
Discover how solar systems can be installed on metal sheds and asbestos roofs, making factories more energy-efficient and sustainable

Sustainable Solar Panel Disposal: Recycling for a Greener Future
Sustainable solar panel disposal ensures old or damaged panels are recycled responsibly, reducing waste and environmental harm. By adopting eco-friendly recycling and reuse practices, we can recover valuable materials, lower carbon impact, and make solar energy truly sustainable from installation to end-of-life.

Latest MNRE List: Approved Solar Module Manufacturers
Check the latest MNRE-approved list of solar module manufacturers to ensure quality and compliance for your solar projects in India.

Net Metering and its Advantages
Net Metering allows solar panel owners to feed excess electricity back to the grid and earn credits, reducing energy bills. Learn the key advantages of net metering for homes and businesses.

Solar Savings Made Simple: Know Your Cost Cuts in 2025
Maximize your solar savings in 2025. Learn how solar energy reduces electricity costs for homes and businesses.