Solar Rooftop: अपने घर को बनाओ खुद का पावर हाउस | Complete Guide
यूँ तो हम सौर ऊर्जा का इस्तेमाल संदियो से करते चले आ रहे हैं। अब यह कोइ आश्चर्य की बात नहीं है कि हम अपने घर की छ्तो पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर के बिजली पैदा कर सकते हैं। आइए हम यह जाने कि अपनी छ्त को किस तरह एक पॉवर हाउस बना सकते हैं?
प्रकाश्वोल्टीय सैल के बारे में आपने बचपन में पढा होगा। सौर पैनल कई प्रकाश्वोल्टीय सैलौ को जोड कर बनाया जाता है और जब इस पैनल पर सूर्य की रोशनी पडती है तो विध्युत उत्पन्न होती है जिसे हम अपने घरो में उपलब्ध विध्युत लाइन से जोडकर आसानी से बिना किसि बद्लाव के इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक सौर रूफटॉप यानी छ्त पर लगा सौर विध्युत संयंत्र दो प्रकार से प्रयोग में लाया जा सकता है। इसे ग्रिड में सीधे जोड्कर उत्पन्न बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर सकते हैं और इससे हमारे घर में ग्रिड से आने वाली बिजली की मात्रा को कम कर सकते हैं। इसे ग्रिड संबध सौर रूफटॉप संयंत्र कह्ते हैं। एक दूसरी तरह इससे उत्पन्न बिजली को बैटरी में स्टोर कर के आवश्यकता अनुसार विध्युत लाइन में प्रवाहित कर के इस्तेमाल किया जा सकता है जिसे ओफग्रिड रूफटॉप संयंत्र कह्ते हैं।
ओफग्रिड सौर रूफटॉप संयंत्र में एक सौर पैनल, एक इंवर्टर या पॉवर कंडीशनिंग यूनिट और एक बैटरी स्टोरेज सिस्ट्म होता है। इंवर्टर या पॉवर कंडीशनिंग यूनिट सौर ऊर्जा से उत्पन्न डीसी को एसी में बदलती है और इसे मौजुदा विध्युत लाइन में प्रवाहित करती है। उत्पन्न सौर विध्युत को पूर्णतया अपने घर में ही इस्तेमाल किया जाता है जिससे ग्रिड द्वारा आने वाली बिजली की खपत में कमी आती है और बिजली के बिल में प्रति माह बचत होती है।
आज बिजली की कटौती के कारण अधिकांश घरों में इंवर्टर और बैटरी सिस्ट्म लगा होता है। यदि इसके साथ एक सौर पैनल और चार्ज कंट्रोलर भी लगा दिया जाए तो यह एक ओफग्रिड सौर रूफटॉप संयंत्र बन जाता है और इसके लिए केवल सौर पैनल और चार्ज कंट्रोलर ही लगाना पडता है।
ओफग्रिड सौर रूफटॉप संयंत्र यूँ तो काफी समय से हमारे देश में प्रचलित हैं पर एसा माना जाता रहा है कि इनकी आरंभिक कीमत अधिक होने के कारण यह आम लोगों के बीच प्रचलित नहीं हो सके हैं। पिछ्ले तीन सालों में सौर पैनल की कीमत में लगातार कमी हुई है और आज यह लोगों की पहुंच के अंदर आ चुकि है। जहाँ आज डीजल जनरेट्र द्वारा उत्पन्न बिजली की कीमत लगभग 20 रु प्रति यूनिट आती है वहाँ ओफग्रिड सौर रूफटॉप संयंत्र द्वारा उत्पन्न सौर विध्युत इसकी आधी कीमत पर उपलब्ध है। अतः जिन घरों में, व्यावसायिक भवनों में, कार्यालयों आदि में डीजल जनरेट्र द्वारा उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल होता है, वहाँ आज सौर संयंत्रों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
एक किलोवोट क्षमता के ओफग्रिड सौर रूफटॉप संयंत्र की कीमत लगभग 1.20 लाख रुपये होती है जिसपर भारत सरकार द्वारा 30** प्रतिशत यानि 36,000** रुपये का अनुदान दिया जाता है। एक किलोवोट के इस संयंत्र से लगभग औसतन 5 यूनिट बिजली प्रति दिन उत्पन्न होती है। अतः एक साल में 300 दिन सूर्य की रोशनी उपलब्ध होने पर 1500 यूनिट बिजली प्राप्त की जा सकती है। ऐसे संयंत्र उन स्थानों के लिए उपयोगी एवं किफायती हैं जहाँ बिजली की कटौती काफी होती है और लोग डीजल या पेट्रौल चलित जनरेट्र का इस्तेमाल करते हैं।
ग्रिड से जुडे हुए सौर रूफटॉप संयंत्र में एक सौर पैनल, एक इंवर्टर या पॉवर कंडीशनिंग यूनिट और एक दो दिशाओं का विध्युत मीटर होता है। इस विध्युत मीटर में उत्पन्न सौर विध्युत की कितनी मात्रा को ग्रिड में भेजा गया और कितनी मात्रा स्वयं घर / भवन में एस्तेमाल हुई, क पूर्ण लेखा – जोखा दर्ज होता है। जिसके अनुसार बिजली का बिल “ नेट मीटरिंग ” के आधार पर बिजली कंपनियों द्वारा चार्ज किया जाता है। इससे बिजली के बिल में खासी कटौती होती है। ऐसे संयंत्र कार्यालयों, व्यावसायिक भवनों, स्कूलों, बडे भवनों के लिए उपयोगी होते हैं। इन भवनों में छुट्टियों के दिन उत्पन्न या प्रति दिन आंतरिक इस्तेमाल के अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजा जाता है। इन्हें ऐसे शहरों में जहाँ बिजली की कटौती बहुत कम या नहीं होती है, इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लगभग 5 कि.वो. से 500 कि.वो. तक की क्षमता तक के सौर संयंत्र अंतर्गत लगाए जा सकते हैं।
एक 5 कि.वो. के संयंत्र को लगाने के लिए 50 वर्ग मीटर छ्त की आवश्यकता होती है और इसकी कीमत लगभग 4 लाख रुपये आती है। इस पर भारत सरकार द्वारा 30* प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। एक 5 कि.वो. के संयंत्र ऐक साल में लगभग 7,500 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है। यह संयंत्र लगभग 25 साल तक कार्य करता है और इसकी कीमत 5-6 साल में वसूल हो जाती है।
ग्रिड संबध सौर रूफटॉप संयंत्र अभी हाल ही में लाए जा रहे हैं। इसके लिए एक नीति की आवश्यकता होती है जिसके अंतर्गत बिजली कंपनियों और उपभोगताओं के बीच एक करार होता है जिसके तहत बिजली की दर निर्धारित करके बिलों में कटौती की जाती है। इस दिशा में अब तक तामिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखण्ड, छत्तीसगड, हरियाणा, दिल्ली, चण्डीगढ आदि राज्यों ने नीति एवं दिशानिर्देश जारी किए हैं और अन्य राज्य जैसे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा आदि अपनी नीतियाँ तैयार कर रहे हैं।
ह्मारे देश में बिजली की कमी से हम सभी अवगत हैं। सूर्य की रोशनी से उत्पन्न बिजली एक स्वच्छ, पर्यावरण अनुकूल और कार्बन उत्सर्जन रहित बिजली है। इसकी कीमत दिन प्रति दिन कम होती जाएगी जबकी जीवाश्म ईंधनों से उत्पन्न बिजली की कीमत बढती ही जा रही है। आज सौर बिजली डीजल या पेट्रौल चलित जनरेट्र से उत्पन्न बिजली से बेह्द सस्ती है, व्यावसायिक दरों पर उपलब्ध ग्रिड बिजली की कीमत के बराबर पहुंच गई है। इस प्रकार सौर विध्युत के इस्तेमाल से हम अपने देश में स्वयं बिजली की कमी को पूरा कर सकते हैं।
(डो. अरुण कुमार त्रिपाठी)
डो. अरुण कुमार त्रिपाठी
निदेश्क,
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
**भारत सरकार द्वारा साल 2015 – 16 के लिए 15% का अनुदान निरधारित करे जाने की समभावना है, जो समभवत: 12,000 रु प्रति कि.वो. तक ही सीमित रहेगा। यह अनुदान केवल डोमेस्टिक उपभोगताओं के लिए ही उपलब्ध होगा।
सुपर स्पेशियलिटि अस्पताल, चण्डीगढ में स्थापित 70 कि.वो. का सौर रूफटॉप संयंत्र
Suggested Articles

How to Choose Solar Panel Mounting Structures for Home, Industry & Commercial Installations
Choosing the right mounting structure is crucial for solar panel efficiency and durability. This blog explains various types of mounting structures for residential, industrial, and commercial solar installations, including rooftop, ground-mounted, and hybrid systems, to help you make an informed decision.

Solar Microgrids: All you need to know
Discover how solar batteries store excess energy, maximize your solar system’s efficiency, and provide reliable power during outages. Learn about the types, benefits, lifespan, and maintenance tips to make the most of your solar investment.

How Installers Cut Costs on Solar PV Module Mounting Structures
Solar PV mounting structures can significantly impact project cost. Explore how expert installers optimize design, materials, and labor to achieve safe, durable, and cost-effective solar installations

UPNEDA Solar Subsidy 2025: How to Maximize Savings on Rooftop Solar
Discover how the UPNEDA Solar Subsidy 2025 can help you cut electricity costs and make rooftop solar more affordable. Learn about eligibility, subsidy rates, and the step-by-step application process.

SmartRoof Solar Associate Program – Easy Way to Earn with Solar Referrals
Join the SmartRoof Solar Associate Program. Refer solar leads, earn rewards, and support clean energy growth in your community.

Solar Energy Gadgets in India: 9 Cool Devices to Explore
Explore 9 innovative solar-powered gadgets in India that make daily life more sustainable, energy-efficient, and eco-friendly.

Generation Based Incentive Proposed for Rooftop Solar in Haryana
Haryana plans to offer Generation Based Incentive (GBI) for rooftop solar installations, promoting clean energy adoption and reducing electricity costs for consumers.

Understanding Solar Cells and Modules: A Complete Guide
Understand solar cells and modules, their functioning, and advantages for residential and commercial solar installations.

Solar Power Set to Overtake Coal as World’s Largest Energy Source in Four Years
Solar power has come a long way in the past decade, moving from being an also-ran to one of the major players in the global energy race. According to the International Energy Agency, next year, solar photovoltaic capacity will surpass hydropower, followed by gas-fired generation in three years and coal in four years.

7 Common Myths about Solar Energy in India
Solar power is not only less expensive, but it is also the most abundant source of clean energy.